बेटी की लड़ाई में विश्वास होना पर बीजेपी नेताओं की दलील, कांग्रेस की नीति-नियत दोनों बेनकाब” – बलदेव तोमर

"बेटी की बेटी की लड़ाई में विश्वास होना पर बीजेपी नेताओं की दलील, कांग्रेस की नीति-नियत दोनों बेनकाब" - बलदेव तोमर

 

 बलदेव तोमर

नाहन:

भाजपा प्रवक्ता और पूर्व नेता बलदेव तोमर ने नाहन की टॉयलेट घटना पर टीका हमला करते हुए कहा कि हिंदू समाज की बेटी के पति के रूप में गंभीर मामले को लेकर कांग्रेस सरकार ने न केवल विद्रोह की कोशिश की, बल्कि खोई हुई बात, जिन पर दोस्ती की दुकान है।

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तोमर ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि यह कोई सामान्य घटना नहीं थी। एक मुस्लिम युवा हिंदू लड़की को बहला-फुसलाकर बुलाया गया। कई दिनों तक मारपीट के बाद जब समाज के लोगों ने विपक्ष को बुलाया और बेटी को बेहोश करने के लिए दबाव बनाया, तब आरोपी पुलिस की शरण में आई और अब आरोपी लड़की सुरक्षित बरामद हो गई है। लेकिन इस पूरी घटना में जो सबसे शर्मनाक बात सामने आई, वह थी प्रदेश के प्रशासन और कांग्रेस नेताओं की अपवित्रता।

बलदेव तोमर ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी ने केवल एक पीड़ित परिवार और जनसंख्या की भावनाओं को दिशा देने का काम किया, ताकि स्थिति स्थिर बनी रहे। लेकिन कांग्रेस सरकार ने दोनों नेताओं की हत्या के प्रयास की धारा 307 जैसी संगीन धाराएं लगाकर यह साबित कर दिया कि वह पीड़ित के साथ नहीं, बंदूक के साथ खड़ी है।

उन्होंने पूछा, “क्या अब इस प्रदेश में बेटी के लिए न्याय मांगना भी गलत है? क्या बीजेपी नेता कांग्रेस सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं कि अगर आप हिंदू समाज की आवाज बनोगे, तो आप दोषी बन जाओगे?”

बलदेव तोमर ने सीधे तौर पर उद्योग मंत्री इब्राहिम चौहान को घेरने की बात कही, इस पूरी घटना को ”दो लड़कों का दोस्ती प्रेम” बताने का मामला सामने आया है। तोमर ने कहा, “हर्षवर्धन जी, यह प्रेम नहीं, यह एक बेटी के साथ धोखा और धोखा था। आप शिलाई की जनता के वोट से बने नेता हैं, कांग्रेस की खैरात से नहीं। क्या अब आप अपने वोट बैंक की राजनीति के लिए हिंदू समाज की बेटी की अस्मिता पर भी दांव लगा रहे हैं?”

बलदेव तोमर ने कहा कि आज जब एक बेटी को समाज ने संयुक्त अरब अमीरात कहा, तो कांग्रेस सरकार ने उसे “राजनीतिक साज़िश” बताई है। सवाल यह है कि अगर बीजेपी नेताओं ने हस्तक्षेप नहीं किया तो क्या वह लड़की कभी वापस लौटी? या फिर इस सरकार ने भी “आपसी कंसेंट” का नाम डेक बंद कर दिया है?

बलदेव तोमर ने स्पष्ट किया कि भाजपा इस अन्याय को किसी भी कीमत पर नामांकन स्वीकार नहीं करेगी।

सरकार की ये कार्रवाई लोकतंत्र और सामाजिक न्याय के खिलाफ है। अब जनता स्वयं पूछ रही है- “बेटी बचाओ” कहां गया? उसने नारा केवल क्या दिखाया था?

अंत में उन्होंने कहा कि भाजपा कानूनी, सामाजिक और राजनीतिक – कांग्रेस सरकार की इस जहरीली और वोट-परस्ट रणनीति के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी। और अगर जरूरत पड़ी तो जनआंदोलन खड़ा कर इस सरकार को जवाब दो।

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